मैं भावना मेघवाल, राजस्थान की रहने वाली हूँ, मेरी उम्र बाईस साल है लेकिन यह बात तब की है जब मैं अठारह साल की थी। मैं बारहवीं पास करके नई नई कॉलेज में आई थी। हमारे कॉलेज में मेरी एक सहेली बन गई जिसका नाम सपना चौधरी था। वो सीकर से थी जबकि मैं बीकानेर से।
मेरे चाचा शहर में एस डी एम थे इसलिए मैं सरकारी गाड़ी में कॉलेज आती थी। मेरी क्लास में राजपूत और ब्राह्मण लड़कियां मेरे से दूर दूर रहती थी क्योंकि मैं दलित थी लेकिन सपना का व्यवहार मेरे प्रति बहुत अच्छा था। वो मेरी पक्की सहेली बन गयी. हम दोनों बिल्कुल साथ साथ रहने लगी, साथ साथ कैंटीन जाती, खूब बातें करती, खूब मस्ती करती कॉलेज में!
मेरे चाचा शहर में एस डी एम थे इसलिए मैं सरकारी गाड़ी में कॉलेज आती थी। मेरी क्लास में राजपूत और ब्राह्मण लड़कियां मेरे से दूर दूर रहती थी क्योंकि मैं दलित थी लेकिन सपना का व्यवहार मेरे प्रति बहुत अच्छा था। वो मेरी पक्की सहेली बन गयी. हम दोनों बिल्कुल साथ साथ रहने लगी, साथ साथ कैंटीन जाती, खूब बातें करती, खूब मस्ती करती कॉलेज में!
मुझे स्विमिंग पूल में नहाना शुरू से ही बहुत अच्छा लगता था। मेरे चाचा के सरकारी बंगले में स्विमिंग पूल बना हुआ है, जिसमें मैं और चाचा अक्सर नहाया करते थे।
क्या सोच रहे हो मेरे प्यारे पाठको… हाँ, मैंने और मेरे चाचा साथ साथ स्वीमिंग पूल में स्वीमिंग करते थे और साथ साथ नहाते थे, अठखेलियाँ करते थे. बहुत याराना है मेरा मेरे चाचा के साथ!
क्या सोच रहे हो मेरे प्यारे पाठको… हाँ, मैंने और मेरे चाचा साथ साथ स्वीमिंग पूल में स्वीमिंग करते थे और साथ साथ नहाते थे, अठखेलियाँ करते थे. बहुत याराना है मेरा मेरे चाचा के साथ!
एक बार मेरी सहेली सपना और मैं पिंक पर्ल (वाटर पार्क) घूमने. मस्ती करने गई। पिंक पर्ल में पहुंचकर मैंने और सपना ने स्विमिंग पूल में नहाने के लिए अपने कपड़े उतारे। हम दोनों जैसे ही पानी में उतरी, मेरी शमीज भीग कर मेरे 32 साइज उरोजों से चिपक गई और मेरे चूचुक दिखाई देने लगे क्तोंकी उसके नीचे मैंने ब्रा नहीं पहनी थी. ठंडे पानी से मेरे निप्पल खड़े हो चुके थे जो पारदर्शी समीज में साफ दिखाई दे रहे थे।
मेरी सहेली सपना मुझे घूरने लगी, मुझे उसकी आंखों में हवस नज़र आने लगी। हालांकि मैं अपने चाचा, उनके ड्राइवर और अपने कुछ टीचर्स और क्लासमेट्स से स्कूली दिनों में ही कई बार चुदवा चुकी थी लेकिन किसी लड़की के प्रति मैंने तब तक कुछ सोचा नहीं था। मुझे किसी लड़की के साथ कोई लेस्बियन सेक्स का तजुर्बा नहीं था. हालांकि मैं लेस्बियन वीडियो खूब देखती थी और मुझे सब कुछ पटा था कि लेस्बियन लड़कियां क्या क्या और कैसे करती हैं.
सपना ने मेरे पास आकर मेरी 34 साइज गांड को पानी के अंदर मसलना शुरू कर दिया। मैं उस जाटणी की हिम्मत देख कर हैरान रह गई। वो पानी के अंदर मेरे सेक्सी बदना को सहलाने लगी. इससे मेरी सांसें तेज हो गई, मुझे काफी डर लगा रहा था कि ये लड़की यहाँ खुले में क्या कर रही है, कुछ समझ नहीं आ रहा था मुझे, लेकिन मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैं चाह रही थी कि ये मुझे मसल डाले!
उसने एक हाथ आगे कर पानी के अंदर से मेरी चूत के अंगूरदाने को मसल दिया, मैं उछल पड़ी। मैं उसकी बांहों में फिसल रही थी। उसके मसलने से मुझे जाटणी की ताकत का अहसास हो रहा था। काफी देर तक हम पानी में मस्ती करते रहे, बीच बीच में उसने मौक़ा देखकर मेरे गुलाबी होंठों को पीना शुरू कर दिया तो मैं सिसकार कर बोली- आह सपना! यार यहां ये सब नहीं, कहीं और चलें यार!
मैं बहुत गर्म हो चुकी थी। अब मैं अपने जीवन के पहले लेस्बियन अनुभव को पाने के लिए बेसब्री से इंतज़ार करने लगी।
मैं बहुत गर्म हो चुकी थी। अब मैं अपने जीवन के पहले लेस्बियन अनुभव को पाने के लिए बेसब्री से इंतज़ार करने लगी।
हालात की नजाकत को समझते हुए सपना ने भी मेरी बात की हामी भरी और हम दोनों अपने बदन को तौलिये से पौंछ कर, अपने कपड़े पहन कर वापस आकर गाड़ी में बैठ गई।
मैंने पूछा- कहां चलें?
तो वो बोली- मेरा एक दोस्त है रणधीर सिंह शेखावत… जिसका यहां हैरिटेज होटल है, उसी में चलते हैं।
मैंने पूछा- कहां चलें?
तो वो बोली- मेरा एक दोस्त है रणधीर सिंह शेखावत… जिसका यहां हैरिटेज होटल है, उसी में चलते हैं।
मैं ड्राइव करते हुए होटल पहुंची, रिसेप्शन काउंटर पर जाकर सपना ने कुछ बात की और चाबी लेकर मुझे रूम में ले गई। रूम में जाते ही हम दोनों सहेलियां कपड़े उतार कर अटैच्ड बाथरूम में घुस गई।
मैं और सपना अब पूरी तरह नंगी थी। उसके चूचे मेरे से बड़े (34 साइज) और टाइट थे, देसी जाटणी जो थी। उसकी गांड भी 36 साइज थी। अब तो हालांकि मैं भी गदरा चुकी हूँ।
सपना ने शॉवर ऑन कर दिया और मुझे सैंथोल लगाने लगी, मैं भी उसके बालों में शैम्पू लगाने लगी। हम नहाती हुई एक दूसरी के चूचे, गांड और चूत मसल रही थी और होंठ चूस रही थी।
उसने मुझे काफी देर तक स्मूच किया।
उसने मुझे काफी देर तक स्मूच किया।
शॉवर लेने के बाद हम नंगी ही बाथरूम से बाहर आई और बिस्तर में लेट गई। सपना ने मेरे निप्पल चूसने शुरू कर दिए, जो खड़े हो चुके थे। वो अपनी जीभ से उनको चुभलाने लगी।
मुझे बहुत ज्यादा मस्ती आ रही थी- आह! सपना यार! उम्म मम्मी, चाचू, आह!
बहुत मस्ती आ रही थी मुझे!
मुझे बहुत ज्यादा मस्ती आ रही थी- आह! सपना यार! उम्म मम्मी, चाचू, आह!
बहुत मस्ती आ रही थी मुझे!
उसने मेरी गर्दन और पेट को चूमना शुरू किया तो गुदगुदी के कारण मैं उछलने लगी। उसने अब मेरे अंगूरदाने पर जीभ रख दी तो मैं उछल पड़ी। ओ माय गॉड! आह… मैं मस्ती से पागल हो रही थी।
सपना बिना रुके मेरा क्लिट चूस रही थी, वो उसे होंठों से पकड़ कर खींच रही थी, जीभ को नुकीली कर उससे चुभला रही थी।
सपना बिना रुके मेरा क्लिट चूस रही थी, वो उसे होंठों से पकड़ कर खींच रही थी, जीभ को नुकीली कर उससे चुभला रही थी।
सपना ने कुछ देर दाना चूसने के बाद मेरी चूत में अपनी जीभ डाल दी, मुझे हमेशा से चूत चटवाना पसंद रहा है। चाचू के ड्राइवर से मैं अक्सर चूत चटवाती हूँ लेकिन मैंने कभी किसी की चूत चाटी नहीं थी।
मैं आज यह ट्राई करना चाहती थी इसलिए मैंने सपना को बोला- चल यार, 69 करते हैं।
मैं आज यह ट्राई करना चाहती थी इसलिए मैंने सपना को बोला- चल यार, 69 करते हैं।
वो तुरन्त मान गई और अपनी चूत मेरे मुंह पर रख दी। मैंने अपनी जीभ से उसके दाने को छुआ, मुझे नमकीन सा लगा। उससे पहले मैंने ऑरल के नाम पर बस चाचू का लंड चूसा था। लंड फीका सा होता था, हालांकि उससे निकलने वाला प्री कम चूत की तरह ही नमकीन होता है।
मुझे अपनी सहेली की चूत बहुत अच्छी लगी।
मुझे अपनी सहेली की चूत बहुत अच्छी लगी।
होटल का पूरा कमरा हम दोनों लड़कियों की सिसकारियों से गूंज रहा था- आह! सपना! उम्म! चाटो मेरी जान। क्या चूसती हो यार!
मैं अपने होशोहवास खोने लगी, मेरा जिस्म लरजने लगा और मेरी टांगें कांपने लगी।
मैं अपने होशोहवास खोने लगी, मेरा जिस्म लरजने लगा और मेरी टांगें कांपने लगी।
तभी हम दोनों भरभरा कर झड़ गईं। मुझे उसका नमकीन पानी पीने में बहुत मज़ा आ रहा था। काफी देर तक हम एक दूसरी से लिपटे बेसुध पड़ी रही।
उसके बाद सपना ने मुझसे पूछा- कैसा लगा भावना?
मैं क्या बताती, बस उसके होंठों को पकड़ कर कस कर चुम्मा दे दिया।
उसके बाद सपना ने मुझसे पूछा- कैसा लगा भावना?
मैं क्या बताती, बस उसके होंठों को पकड़ कर कस कर चुम्मा दे दिया।